पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री नीलेश कुमार शाह ने आज एनआईसी कक्ष में बैठक लेकर जल शक्ति अभियान की अब तक की प्रगति की समीक्षा की। आज सुबह 11 बजे से शुरू हुई इस बैठक में कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा ने बताया कि मार्च 2021 से अब तक जल संरक्षण और संचयन के 1120 काम ज़िले में किए गए हैं। फिलहाल 431 काम प्रगति पर हैं। इसी तरह परंपरागत जल स्त्रोतों के जीर्णोधार के 842 काम पूरे और 481 कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वाटर शेड के ज़िले में 1017 काम पूरे कर लिए गए हैं और 257 काम जारी हैं। इसके साथ ही नर्सरी और पौधरोपण के तीन लाख 40 हजार कार्य किए गए हैं। इन सभी कार्यों को करने के पीछे मंशा यही रही कि जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण, संचयन को बढ़ावा मिले, मृदा अपरदन (कटाव) को कम करने के जतन किए जाएं। जल शक्ति अभियान के तहत जो काम किए जा रहे, उनमें लूज बोल्डर, चेक डैम, 30ः40 मॉडल, स्टॉप डैम, रूफ वाटर हार्वेसिं्टग संरचनाएं इत्यादि बनाने के साथ पौध रोपण, परम्परागत जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार आदि शामिल है। कलेक्टर श्री एल्मा ने बैठक में यह भी बताया कि ज़िले में कुल 1741 जल संरचनाएं चिन्हांकित की गई हैं। इनमें से 1720 का जियो टैगिंग कर लिया गया है, शेष की भी जियो टैगिंग नवंबर माह तक पूरी कर ली जाएगी।
बैठक में संयुक्त सचिव श्री शाह ने ज़िले में बनाई गई जल संरक्षण की कार्ययोजना की बारीकी से समीक्षा करते हुए सुझाव दिया कि इसके अंतर्गत संबंधित विभागों के जल संरक्षण संबंधी सभी काम लिए जाएं। उन्होंने जल शक्ति अभियान के पोर्टल में इसकी एमआईएस एंट्री भी सुनिश्चित करने पर बल दिया। कलेक्टर श्री एल्मा ने उन्हें आश्वस्त किया कि निश्चित ही उनके सुझाव पर अमल किया जाएगा और पोर्टल में एमआईएस एंट्री भी सतत् जारी है। बैठक में कलेक्टर ने बताया कि ज़िले में जल शक्ति अभियान के तहत एक ज़िला स्तरीय और तीन ब्लॉक स्तर पर जल शक्ति केंद्र स्थापित है। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण, संचयन और जल की महत्ता बताने लोगों को प्रेरित करना है। बैठक में प्रशिक्षु वनमण्डलाधिकारी सुश्री ग्रीष्मी चांद, राज्य तकनीकी सलाहकार सुश्री प्रियंका सोनवर्षी, जल संसाधन के अधिकारी, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी श्री उपेन्द्र चंदेल सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।