कवि सम्मेलन में वीर रस के साथ हास्य- व्यंग्य की कविताओं ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

जिला प्रशासन द्वारा कोरबा शहर में दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के पहले दिन एक अप्रैल को आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के अवसर  सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कोरबा शहर के घंटाघर स्थित डॉ.भीमराव अम्बेडकर ओपन आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी गायन एवं नृत्य, तबला वादन, कत्थक नृत्य, हारमोनियम वादन, शास्त्रीय गायन सहित कवि सम्मेलन कार्यक्रम में कवियों के काव्य पाठ प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत श्री थिरमन दास की टीम द्वारा प्रस्तुत छत्तीसगढ़ी गीत एवं नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। कुमारी तारिणी कंवर ने राजकीय गीत, श्री अशोक साहू ने छत्तीसगढ़ी गायन, श्री मोरध्वज वैष्णव ने तबला वादन, कुमारी प्रीति चंद्रा ने कत्थक नृत्य समूह एवं श्री कन्हैया वैष्णव ने हारमोनियम वादन कर शाम को संगीतमय कर दिया। इसी प्रकार श्रीमती मौसमी शाहा ने भरतनाट्यम समूह, श्री साखूराम खैरवार ने बांसुरी वादन, कुमारी दीक्षा सिंह ने कत्थक नृत्य एवं श्री अक्षय चौहान एवं साथी ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को कार्यक्रम से जोड़े रखा। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर एवं नगर निगम के महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद  जन प्रतिनिधियों के साथ शामिल हुए। अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं महापौर ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल कलाकारों को शॉल, श्री फल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार कवि सम्मेलन में शामिल कवियों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री नूतन कंवर,  नगर निगम आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। देर शाम शुरू हुए कवि सम्मेलन कार्यक्रम में मशहूर कवियों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को काव्य पाठ से बांधे रखा। कार्यक्रम में वीर रस के साथ हास्य, व्यंग्य और श्रृंगार रस की कविताएं कोरबा के कला प्रेमियों को सुनने को मिली और ऑडिटोरियम देर रात तक करतल ध्वनि से गूंजता रहा। कवि सम्मेलन में  अंजना सिंह गायत्री शर्मा, डॉ. माणिक विश्वकर्मा नवरंग,  आशा आजाद, मोहम्मद युनुस दरियानपुरी,  जितेन्द्र वर्मा, मुकेश चतुर्वेदी,  हीरामणी वैष्णव एवं  बलराम राठौर ने काव्य पाठ किया।