राम हम सबके भांजे : मुख्यमंत्री बघेल

हमारे राम शबरी के राम, कौशल्या के राम, वनवासियों के राम और हम सबके भांजे : मुख्यमंत्री बघेल

माता कौशल्या महोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

श्रीराम हमारे भांजे हैं, हमारे राम शबरी के राम है, माता कौशल्या के राम हैं, वनवासियों के राम हैं, हमारे पवित्र ग्रंथों में श्रीराम की जैसी छबि बनती है, हमारे राम वैसे हैं। हमें संत महात्माओं का अनुकरण करते भगवान श्रीराम को वैसे ही चित्रित कर हमेशा उनके आदर्शों पर चलते हुए महात्मा गांधी के दिखाएं राम राज्य के आदर्श के लिए काम करते रहना है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यह बात चंदखुरी में आयोजित माता कौशल्या महोत्सव के समापन अवसर पर कही।

मुख्यमंत्री बघेल समारोह में आगे कहा कि हम अपने सभी धरोहरों को राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। हम ऐसे राज्य हैं जो रामायण प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं। राजिम के माघी पुन्नी मेले के आयोजन को व्यवस्थित स्वरूप देने का काम कर रहे हैं। राजिम के मेला स्थल के व्यवस्थित विकास के लिए अधोसंरचना तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है और वे हमारे भांजे हैं, इसलिए हमारे प्रदेश में परंपरा रही है कि हम अपने भांजों का चरण स्पर्श करते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने परंपरागत तीज त्योहारों के आयोजन के लिए पंचायतों को राशि प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के लिए काम कर रहे हैं। यही गांधी जी का सपना था और गांधी जी के सपनों को पूरा करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महोत्सव में उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले विभिन्न मानस मंडलियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम को पर्यटन मंत्री  ताम्रध्वज साहू तथा नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्री पारसनाथ राजवाड़े, छत्तीसगढ़ खनिज निगम के अध्यक्ष  गिरीश देवांगन, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास सहित अनेक जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु उपस्थित थे।

महोत्सव के अंतिम दिन पद्मश्री  कैलाश खेर ने दी प्रस्तुति

प्रसिद्ध गायक और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कैलाश खेर ने कहा कि चंदखुरी के कौशल्या धाम को मुख्यमंत्री के प्रयासों से वैश्विक पहचान मिली है। उन्होंने माता कौशल्या मंदिर को भव्य रूप देने और महोत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल और प्रयासों से विश्व स्तर पर कौशल्या धाम को भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में पहचान मिली है। छतीसगढ़ की धरा और लोग धन्य है, जिन्हें माता कौशल्या और भगवान राम दोनों का आशीर्वाद एक साथ मिल रहा है।  खेर ने समापन अवसर पर भक्तिमय गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

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