नरेंद्र देव वर्मा के वंदना
सुरता – डॉ.नरेंद्र देव वर्मा
जन्म तिथि – 4 नवंबर 1939
पूण्य तिथि – 8 सितंबर 1979
(महान साहित्यकार भाषाविद)
छ.ग. राजगीत के रचनाकार
१.नरेंद्र देव वर्मा के वंदना,
राज गीत बने सोनहा बिहान।
कुशल वक्ता लेख तीन भाषा मा,
विवेक ज्योति सुबह के तलास चढ़े परवान।
२.शिव आराधना मा भाग्यवती देवी,
आदर्श मास्टर धनीराम पढ़ाय।
बड़े बेटा तुलेंद्र संगे वर्धा मा,
उनचालिस मा नरेंद्र आ जाय।
३.धनीराम वर्मा बुनियादी शिक्षा में,
तुलेंद्र गांधीजी ला लाठी रहे धराय।
नरेंद्र के गूंजे आसरम मा किलकारी,
चालीस मा रायपुर पढ़े बर जाय।
४.मैट्रिक पास होवे इंटरमीडिएट मा,
बी.ए.सागर मा पढ़े बर जाय।
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पहचाने,
यूथ फेस्टिवल ताल कटोरा दिल्ली जाय।
५. अणु शस्त्र विश्व शांति बनाये,
डॉ.विष्णु पाण्डे हराये पहला आय।
फोटो सेशन मा जवाहर लाल नेहरू संगे,
दूनो में बातचीत देख हरसाय।
६.उन्नीस सौ बासठ एम. ए.करे,
साहित्य चिंतन मा पी. एच. डी. पाय।
तिरहत्तर म दूसर पी. एच. डी.,
छत्तीसगढ़ भाषा के ऊपर रहाय।
७.हिंदी अध्यापन के मिले नौकरी,
बालाघाट दमोह दुर्ग मा पढ़ाय।
प्राध्यापक पद जल्दी पा जावे,
लेखन संगे शोधार्थी ला बढ़ाय।
८.छत्तीसगढ़ी गीत अपूर्वा को गावे,
सुबह की तलास सपना छत्तीसगढ़ी रचाय।
आधुनिक पश्चाताप कथा के करे समीक्षा,
साहित्य मनीषी के बिहान बगराय।
९.सुबह के तलास सोनहा बिहान बने,
छत्तीसगढ़ी संस्कृति प्रतीक रहाय।
मोला गुरु बनाई लेते गुदगुदाये,
अनुवाद मा महापुरुष वाणी फैलाय।
१०.स्वामी आत्मानंद बड़े भाई
भाई राजेंद्र,देवेंद्र ब्रम्हचारी बन जाय।
छोटे भाई ओमप्रकाश प्रोफेसर बने,
डॉ.नरेंद्र देव गिरहस्थी बसाय l
११.तारा देवी जीवन साथी पाये,
पांच संतान के किलकारी रहाय।
मुक्तेश्वरी सत्यदेव अन्नदेव संगे ,
चिन्मय ऋचा संस्कार पाय।
१२.शिक्षा आसरम गिरहस्थी मा,
जिनगी के क्षण क्षण उपयोगी रहाय।
विवेक ज्योति के संपादन धीरज से,
हिन्दी ले अंग्रेजी संगे जन जन तक जाय।
१३.सोनहा बिहान के मंच वक्ता,
श्रोता दर्शक सम्मोहित हो जाय।
छत्तीसगढ़ के खुशहाली देश मा छाये,
छत्तीसगढ़ के वंदना मान बढ़ाय।
१४.मुकुट धर पांडेय भेजे चिट्ठी,
छत्तीसगढ़ के ऊचहा कवि बताय।
एकलब्यीय साधना संगे मौलिकता,
समुंदर के पर छत्तीसगढ़ी ध्वजा फहराय।
१५.विवेकानंद भाव मंत्र धारा मा डूबे,
दर्शन की गहराइयों से सिरजन रहाय।
परेमी ग्राहकों में सदा रहे प्रतीक्षा,
निरंतर लेख कविता उपन्यास आय।
१६.गिरहस्थी के स्वामी ला चिंता,
बेटी मुक्तेश्वरी के बिहाव बात आय।
गौशाला के कांदी किसान सुभिमानी पहुचाये
भूपेश बघेल दाऊ दामाद पाय।
१८.हिंदी दिवस के होवे तैयारी,
आठ सितंबर उन्यासी मा सांस छोड़ जाय।
उनचालीस साल सन्यासी परिवार छोड़े,
सच्चा देश भक्त साहित्य सेवा मारग दिखाय
१८. साहित्य सामाजिक आगासदिया,
अरपा पैरी वंदना गाके जागरण कराय।
छत्तीसगढ़ सरकार राजगीत बनाये,
पढ़ईय्या संगे परेमी शीश नवाय।
नारायण चंद्राकर
गायक देवकुमार देशमुख, शिवकुमार पटेल, परमानंद करियारे एवं साथी
भारत विभूति आल्हा गायन दल
गीता सदन प्लाट 25
मैत्रीकुंज,रिसाली (भिलाई)
छ. ग.
7587143257