गौपालन न केवल हमारी धार्मिक आस्था से बल्कि अर्थव्यवस्था से भी जुड़ा है – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री जिला नगर कोसरिया यादव महासभा राजनांदगांव द्वारा आयोजित श्री कृष्ण जनमाष्टमी महोत्सव एवं शपथ ग्रहण समारोह में हुए शामिल

–  मुख्यमंत्री ने समाज के नवपदस्थ पदाधिकारियों को दिलाई शपथ

– मुख्यमंत्री जिला नगर कोसरिया यादव महासभा राजनांदगांव द्वारा आयोजित श्री कृष्ण जनमाष्टमी महोत्सव एवं शपथ ग्रहण समारोह में हुए शामिल

– मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि एवं खुशहाली कामना

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम राजनांदगांव में जिला नगर कोसरिया यादव महासभा राजनांदगांव द्वारा आयोजित श्री कृष्ण जनमाष्टमी महोत्सव एवं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का खुमरी पहनाकर पारंपरिक रूप से अभिनंदन किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समाज के नवपदस्थ पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि यादव समाज मेहनतकश समाज है और हमेशा गौमाता की सेवा करते आए हैं। भगवान श्री कृष्ण ने जो राह बताई है, उसका अनुकरण करते हुए आज भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौपालन न केवल हमारी धार्मिक आस्था से बल्कि अर्थव्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। खेती-किसानी से जुड़े होने के कारण गौपालन का विशेष महत्व रहा है। वर्तमान समय में औद्योगिकीकरण के कारण परिस्थिति बदली है। शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी की जा रही है। इस योजना से एक ओर गौ सेवा तो हुई है, वहीं गौपालकों ने 2 लाख रूपए तक के गोबर की बिक्री की है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में 6 हजार गौठानों के लिए 23 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है। प्रदेश में 10 हजार से अधिक गौठान है, जिनमें से 6 हजार गौठान स्वावलंबी हो गए है। इन गौठानों में 3 करोड़ रूपए की राशि गौठान समिति द्वारा गोबर खरीदी के लिए दी गई। वही शासन द्वारा 2 करोड़ रूपए की राशि दी गई। गौठान समिति के माध्यम से गौठान धीरे-धीरे स्वावलंबी बनते जा रहे है और यह व्यवस्था हमेशा चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही गौमूत्र की खरीदी भी की जा रही है, जिससे जीवामृत एवं कीटनाशक बनाए जा रहे हैं।

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