हमर सनातन परंपरा देशभक्ति अउ देशभक्ति के पाठ सिखाथे : मुख्यमंत्री
जगदलपुर के वेदमाता गायत्री महाविद्यालय के भूमि पूजन
मुख्यमंत्री ह संस्था के विकास बर 50 लाख रूपिया के अनुदान देके घोसना करिस
कोनों भी देस तभे मजबूत रहि सकत हे जब ओखर नींव मजबूत होही। हमर देश के बुनियाद हमर शाश्वत परंपरा म निहित हावय। सनातन परंपरा हमन ल वसुधैव कुटुम्बकम के पाठ सिखाथे अउ देशभक्ति के पाठ सिखाथे। हमर देश अउ राज्य के तरक्की के खातिर ये बहुत जरूरी हावय के हम अपन युवा पीढ़ी ल शाश्वत परंपरा के उही मूल्य प्रदान करन जेन हमन ल अपन शिक्षक अउ माता-पिता ले मिले हावयं। ए बात मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह आज जगदलपुर के तीर ग्राम कांगोली म वेदमाता गायत्री महाविद्यालय के भूमिपूजन समारोह ल संबोधित करत किहीन।
मुख्यमंत्री ह किहिन के गायत्री मंत्र हमर सनातन परंपरा के सबले जरूरी मंत्र हावय। ये मंत्र हमन ल धर्मी रद्दा कोति चले के प्रेरणा देथे। विद्या भारती संस्थान म पढ़ईया लइका ल मिलत हावय बढि़या शिक्षा
मुख्यमंत्री ह किहीन कि मानव जीवन म सिक्षा के बिसेस महत्ता हे अउ इही लक्ष्य के संग राज्य सरकार ह सिक्षा के संगेसंग कौशल विकास उपर घलो जोर देवत हे। ओमन बताइन कि छत्तीसगढ़ म आईआईटी, आईआईएम जइसन उच्च स्तरीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान उपलब्ध हे। येकर अलावा प्रदेश म 341 पीएम स्कूल बनाये गे हावयं, जिहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सुविधा विकसित करे जात हावय। एखर संगेसंग प्रदेस के पढ़ईया लइका मन ल जरूरी सुविधा अउ अनुकूल वातावरण देवाय बर बड़े सहर मन म नालंदा परिसर घलो बनाय जावत हे। ओमन नवा शिक्षा नीति अउ दिल्ली म प्रतियोगी परीक्षा के तइयारी बर बने युवा छात्रावास के संबंध म घलो जानकारी दीन। कार्यकम ल उप मुख्यमंत्री अरूण साओ, वन मंत्री केदार कश्यप अउ खेल अउ युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ह घलो संबोधित करीन।
मुख्यमंत्री ह विद्या भारती संस्थान के विकास बर पचास लाख रूपिया के अनुदान देके घोसना घलो करीन। ए मउका म कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग ह प्रदेस म स्थित विद्या भारती संस्था के आने-आने संस्था के विकास बर सांसद कोष ले हर बछर एक करोड़ रूपिया के आर्थिक सहायता देके घोसना करीन अउ जगदलपुर विधायक किरण देव सिंह ह जगदलपुर स्थित संस्था के विकास बर दस लाख रूपिया के आर्थिक सहायता देके घोसना करीन। कार्यक्रम म संस्था प्रमुख राज बहादुर सिंह राणा, संस्थान के महासचिव नरेंद्र तनेजा अउ रामदत्त चक्रधर ह संस्था के उद्देश्य अउ गतिविधी के बारे म जानकारी दीस।