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राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना

भूमिहीन पहाड़ी कोरवाओं को मिल रहा है राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ

दूरस्थ पहाड़ी अंचलों में निवास करने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा तक विकास की रोशनी पहुंचनी लगी है। छत्तीसगढ़ शासन की विशेष प्रयासों से उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिलने लगा है। जशपुर जिला के बगीचा विकासखंड के ग्राम कुरूमढोड़ा  में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही मसरी और महंनाई ग्राम पंचायत गासेबध में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही रूपन राम को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत उन्हें दो किस्तों में दो-दो हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई है। कुल दोनों हितग्राहियों के खाते में अब तक 4-4 हजार रुपए आ चुके हैं।
जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के द्वारा दोनांे हितग्राहियों से पूछे जाने पर उक्त जानकारी देते हुए पहाड़ी कोरवा हितग्राही मसरी ने बताया कि उन्हें उचित मूल्य दुकान के माध्यम से प्रतिमाह  राशन भी मिलता है। बैंक में भी उनका खाता खोला गया है जिससे योजना के तहत् राशि उनके खाते में सीधे जमा हो जाता है। उनके पिता 63 वर्षीय श्री लुबरी को वृद्धा पेंशन का भी लाभ मिल रहा है। लाभान्वित हितग्राही पहाड़ी कोरवा श्री रूपन राम ने बताया कि मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है और उचित मूल्य दुकान से उन्हें प्रतिमाह राशन भी मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत् एक वर्ष में एक हितग्राही को 7 हजार रूपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है। जशपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 1785 भूमिहीन श्रमिकों को 39 हजार 28 दिन मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जशपुर जिला प्रशासन द्वारा ऐसे परिवारों को मनरेगा के माध्यम से उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि वे आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें।