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प्रधानमंत्री आवास योजना से तिलक बाई बघेल को मिला स्वयं का घर

साग-सब्जी विक्रय करने वाली तिलक बाई बघेल के खुद का पक्का घर का सपना हुआ साकार

अपने परिवार के रहने के लिए एक सुरक्षित घर हो, यह हर कोई व्यक्ति चाहता है और सरकार गरीब परिवारों को स्वयं का पक्का घर बनाने के लिए मदद करे तथा गरीब परिवार की आशियाना बन जाए तो ऐसे निर्धन परिवार की सबसे बड़ी जरूरत पूरी हो जाती है। इसी तरह की ख्वाहिश जगदलपुर शहर की निवासी तिलक बाई बघेल की थी, जो प्रधानमंत्री आवास योजना से सच साबित हुई है।
जगदलपुर शहर में साग-सब्जी विक्रय कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाली तिलक बाई बघेल सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत सहायता से स्वयं का पक्का घर बनाने के बाद घर-परिवार के सदस्यों के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हैं। तिलक बाई बघेल बताती हैं कि वह साप्ताहिक बाजार के साथ ही घर के सामने ही सब्जी बेचने का काम करती हैं जिससे हर महीने करीब 4 हजार रुपए की आमदनी होती है। पहले कवेलू वाले कच्चे मकान में रहने से बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने से परेशानी होती थी, वहीं बरसात के समय सांप-बिच्छू का डर बना रहता था। हर साल कच्चे मकान की मरम्मत के लिए खर्च भी करना पड़ता था। लेकिन नगर पालिक निगम के द्वारा गरीब परिवारों को आवास बनाने हेतु मदद देने सर्वेक्षण सूची के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का घर बनाने की मंजूरी दी गई तो वह काफी खुश हुई। तिलक बाई बघेल ने बताया कि उक्त योजनांतर्गत नगर निगम के माध्यम से 2 लाख 26 हजार रुपए प्रदान किया गया। जिसमें वह थोड़ी-थोड़ी बचत कर रखी गई बचत राशि से 78 हजार रुपए हितग्राही अंशदान के रूप में जमा की। जिससे धीरे-धीरे दो कमरे का सुंदर घर बनवाया है, साथ ही शौचालय भी निर्मित किया है। तिलक बाई बघेल कहती हैं कि अपने इस घर को बनाने के लिए राजमिस्त्री के साथ स्वयं परिवार संग जुटी रहीं और अब उसका स्वयं का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हो गया है। अपने पक्के घर में परिवार के साथ खुशहाल जीवन बसर करते हुए तिलक बाई बघेल गरीब परिवारों को स्वयं का पक्का घर बनाने के लिए सरकार की मदद को संवेदनशील पहल बताते सरकार को कोटिशः धन्यवाद देती हैं।