बढ़ रहे हैं हौसलें बन रहे आत्मनिर्भर
शासन की योजनाओं से दिव्यांगजनों को मिल रहा लाभ
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के दिव्यांगजनों की राह और आसान हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से दिव्यांगजनों की कौशल क्षमता में वृद्धि हुई है और वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। अपने इरादे मजबूत करके हर क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहें है। जो दिव्यांग अपनी दिव्यांगता को कमजोरी ना मानकर आगे बढ़ने का प्रयास करतेे हैं उनको कामयाबी जरूर मिलती है। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से दिव्यांगजनों के सपने हो रहे हैं पूरे।
सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा दिव्यांगजनों को आगे बढ़ाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। यहां के ग्राम पलमा के 10वीं में अध्ययनरत दृष्टि बाधित दिव्यांग श्री बलजीत देवांगन ने मोबाइल के लिए, ग्राम-खरसुरा के श्री इन्दर प्रसाद और ग्राम-जगतपुर नितेश शर्मा जो कक्षा पहली में अध्ययनरत है इन्होंने भी श्रवण यंत्र के लिए समाज कल्याण विभाग में आवेदन किया था। कलेक्टर श्री रोहित व्यास नेे उनके द्वारा मांगे गये उपकरण उपलब्ध करा दिए हैं। मोबाईल एवं श्रवण यंत्र मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।
समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दिव्यांगजनों के लिए अनेक कल्याणकारी योजना संचालित की जा रही है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निराश्रित पेंशन एवं दिव्यांग पेंशन, निःशक्तजन छात्रवृत्ति योजना, राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन, श्रवण यंत्र, कृत्रिम उपकरण, दिव्यांग सुखद सहारा योजना, निःशक्तत विवाह प्रोत्साहन योजना आदि योजनाओं का लाभ दिव्यांगजन उठा रहे हैं।
निःशक्त विवाह प्रोत्साहन सहायता योजना के तहत दिव्यांगजनों को पूरे जीवनकाल में एक बार ही दी जाती है। निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 40 प्रतिशत निःशक्तता होना आवश्यक है। दंपत्ति पति/पत्नी में से कोई एक निःशक्त है वहीं आवेदन कर सकते हैं। दोनों निःशक्त होने की स्थिति में संयुक्त रूप से आवेदन करना होगा। विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत पति पत्नि में से कोई एक दिव्यांग है तो 50 हजार की राशि दी जाती है और यदि दोनों दिव्यांग है तो 1 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है।