पानी व्यर्थ न बहाएं, कल के लिए बचाकर रखें..
पीकू- चलो मैं बताता हूं मैंने ऐसा क्यो कहा, देखो पानी के लिए लोगों को कितनी तकलीफ उठानी पड़ रही है पानी की बर्बादी का नतीजा देखो ट्यूबवेल सूख गया है देखो हमें जीवन देने वाली नदी सूखी हुई है गंगरेल में पानी कम हो गया है देखो किस तरह पानी बर्बाद किया जा रहा है जितना पानी खेतों को मिलता है उससे कहीं ज्यादा बर्बाद हो जाता है। अगर पानी व्यर्थ नहीं जाता तो क्या पानी के लिए तकलीफ होती ? क्या गंगरेल सूखता ? नहीं ना….
बच्चें- हम कर भी क्या सकते हैं।
पीकू – हम बहुत कुछ कर सकते हैं प्रकृति ने हमें पानी के रूप में अनमोल उपहार दिया है इसे संभलकर खर्च करना चाहिए और हमें पानी बचाना चाहिए छोटे-छोटे कदम उठाकर हम पानी बचा सकते हैं इस्तेमाल के बाद नल बंद कर देना चाहिए अगर नल खराब है तो पानी बूंद बूंद बेहतर है तो नल की मरम्मत करानी चाहिए सबसे जरूरी है बारिश के पानी का संचयन इसके लिए घर की छत पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवा कर बारिश के पानी का संचयन कर सकते हैं ।
आइए जल बचाएं…. अपना आने वाला कल बचाएं..