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कांग्रेस ने कस्टम मिलिंग भ्रष्टाचार की जांच के लिये मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

कस्टम मिलिंग भ्रष्टाचार

ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2022 में राज्य सरकार में धान की कस्टम मिलिंग की दरें 30 रू. प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 120 रू. प्रति क्विंटल की थी। जिससे यह लाभ हुआ था कि पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में जहां 60-70 लाख टन धान खरीदी होने पर उसकी मिलिंग में दो-दो साल लग जाते थे। जिससे सरकार को सैकड़ो करोड़ की क्षति प्रतिवर्ष होती थी। मिलिंग चार्जेस बढ़ाने से यह फायदा हुआ की पिछले वर्ष खरीदा गया 107 लाख टन धान बारिश के पहले ही उठ गया, जिससे सरकार को लगभग 2,000 करोड़ की बचत हुई थी।
कुछ जिलों से यह शिकायत प्राप्त हो रही है कि मार्कफेड के जिला स्तर एवं राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा राइस मिलर्स से प्रति क्विंटल धान पर 20 रू की रिश्वत की राशि ली गयी है, जो कस्टम मिलिंग के धान के बिल पास कराने के एवज में ली गयी है। ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सकरार की उपलब्धियों से विचलित होकर भाजपा नेताओं ने झूठी शिकायतें की है। फिर भी यह बेहतर होगा की प्रकरण की गंभीरता पूर्वक जांच यथाशीघ्र करायी जाये ताकि भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों की सच्चाई सामने आ सकें। यदि शिकायतें सही पायीं जाती है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये ताकि इसके बाद कोई अधिकारी भ्रष्टाचार करके सरकार की छवि खराब न कर सकें।  


ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा, संयुक्त महासचिव अजय साहू, प्रवक्ता नितिन भंसाली, ऋषभ चंद्राकर शामिल थे।