36 गढ़FEATUREDLatestदेश विदेसराजनीतिराष्ट्रीयसाहित्यहमर अगुवा

13 एकड़ क्षेत्र में होगी ‘शहीद स्मारक’ की स्थापना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर में ‘कमर्शियल हब’, एरोसिटी और ‘शहीद स्मारक’ की रखी आधारशिला

 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का किया शिलान्यास

1083 एकड़ में चरणबद्ध रूप से विकसित होगा ‘कमर्शियल हब’

216.63 एकड़ क्षेत्र में चरणबद्ध रूप से विकसित होगी ‘एरोसिटी’

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नवा रायपुर अटलनगर के सेक्टर-35 में आयोजित समारोह में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं ‘कमर्शियल हब’, एरोसिटी और ‘शहीद स्मारक’  का भूमिपूजन और शिलान्यास किया।

नवा रायपुर में निवेश, बसाहट और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सेक्टर-23, 24, 34, 35 और 40 में 1083 एकड़ में ‘कमर्शियल हब’ विकसित किया जा रहा है। इसी तरह नवा रायपुर के लेयर-3 में यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने, एयरपोर्ट क्षेत्र के वाणिज्यिक विकास तथा रोजगार सृजन हेतु स्वामी विवेकानंद विमानतल के निकट ग्राम बरोदा एवं रमचण्डी के चिन्हांकित 216.63 एकड़ में ‘एरोसिटी’ विकसित की जा रही है।

‘शहीद स्मारक’ की स्थापना नवा रायपुर के ग्राम परसदा (सेक्टर-3) में व्हीआईपी बटालियन में 13 एकड़ में की जा रही है।

कमर्शियल हब : प्रथम चरण में 1000 थोक व्यावसायिक दुकानों का होगा निर्माण

कमर्शियल हब के प्रथम चरण में 20 व्यवसायों के लगभग 1,000 थोक व्यावसायिक दुकानों के विकास हेतु भू-खण्डो का प्रावधान किया गया है जिसमें थोक किराना, अगरबत्ती, होलसेल बारदाना, दाल मिल, पेपर ट्रेड आदि हेतु पृथक-पृथक प्रावधान किया गया है। कमर्शियल हब के विकास हेतु राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। ‘कमर्शियल हब’ के सिटी लेवल अधोसंरचना तथा प्रथम चरण के 125 एकड़ में अधोसंरचना का विकास 195.51 करोड़ रूपए की राशि से किया जाएगा।

इस परियोजना के लिये चिन्हांकित भूमि राष्ट्रीय राज मार्ग नं. 30 एवं भारत माला परियोजना के अलॉइमेंट के निकट स्थित है तथा उक्त भूमि को रेलवे कनेक्टिविटी भी प्राप्त है। चिन्हांकित भू-खण्ड स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से लगभग 12 किमी. पर स्थित है। चिन्हांकित भूमि ग्राम निमोरा, उपरवारा, परसट्ठी, बेन्द्री, केन्द्री, झांकी एवं मुड़पार में स्थित है। उक्त भू-खण्ड का भू-उपयोग सार्वजनिक तथा अर्ध- सार्वजनिक से मिश्रित भू-उपयोग में किया गया है।