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न्याय के चार साल

 सौर ऊर्जा के उपयोग में छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी

किसानों की आमदनी बढ़ाने में सौर ऊर्जा के उपयोग में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शुमार है। कृषि के साथ अन्य क्षेत्रों में सोलर एनर्जी के इस्तेमाल का दायरा राज्य में लागतार बढ़ता जा रहा है। सौर ऊर्जा का उपयोग पेयजल और सुदूर अंचलों के गांवों, अस्पतालों, स्कूलों, छात्रावासों में विद्युत व्यवस्था में भी हो रहा है, इससे मूलभूत सुविधाओं को मजबूती मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रयासों के तहत किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से सोलर सिंचाई पम्प लगाने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस दिशा में तेजी से काम हुआ और हाल ही में देश में सर्वाधिक सोलर पम्प स्थापित करने और ऊर्जा संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैै।

न्याय के चार साल
छत्तीसगढ़ में ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए सुराजी गांव योजना के साथ सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। नई उद्योग नीति में भी सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन से जुड़ी इकाईयों की स्थापना को प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया है। राज्य के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सौर ऊर्जा खासी मददगार साबित हो रही है। राज्य में ऐसे कई हिस्से हैं जहां परम्परागत तरीके से विद्युत की व्यवस्था नहीं हो सकी है, उन क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने में सोलर पम्प गेम चंेंजर साबित हो रहे हैं। सौर सुजला योजना के तहत प्रदेश में स्थापित किए गए सोलर सिंचाई पंप के उपयोग से पिछले पांच वर्षों में 6.55 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी का अनुमान है।

न्याय के चार साल
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सोलर एनर्जी से कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के प्रयासों के साथ क्रेड़ा द्वारा सोलर विद्युत केन्द्र, सोलर लाइट, वनांचलों के गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने में भी सोलर पम्पों का उपयोग किया जा रहा है, जल जीवन मिशन सहित राज्य शासन की योजना के तहत प्रदेश में 10 हजार 629 सोलर पम्प स्थापित कर 4 लाख 80 हजार से अधिक परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य के 1480 स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रकाश की व्यवस्था के लिए 4.70 मेगावाट के ऑफ ग्रिड सोलर पॉवर प्लांटों की स्थापना की गई है। जिससे शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों अस्पतालों में प्रकाश की व्यवस्था के साथ साथ जीवन रक्षक मशीनें और वैक्सिन को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर के लिए विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। इस उपलब्धि के लिए क्रेडा को अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है