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गोमूत्र बनिस आजीविका के नवा जरिया

 

जिला के गौठान म अब तक 100 लीटर गौमूत्र के खरीदी
गौमूत्र ले कीट नियंत्रक, जीवामृत अऊ औषधि बनाके करे जाही विक्रय

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौमूत्र के जिला म खरीदी करे जात हे। राज्य शासन कोति ले लेहे गए ये दूरगामी निर्णय ले अब मनखे मन ल आजीविका के नवा जरिया मिल गए हे। जानबा हे कि फसल उत्पादन अऊ कीट नियंत्रण म गौमूत्र के उपयोगिता प्रभावी माने गए हे। खेती किसानी म अब गौमूत्र ले बनइया जैविक कीट नियंत्रक, जीवामृत, ग्रोथ प्रोमोटर घलोक उपयोगी साबित होही। रासायनिक खाद अऊ कीटनाशक के दुष्प्रभाव ल देखत किसान मन एला अपनाव हें।

गोधन न्याय योजना के अंतरगत जिला के ग्राम फुलकर्रा अऊ ग्राम भेंड़री गौठान म हरेली तिहार के दिन ले गौमूत्र खरीदी चालू हे। कलेक्टर प्रभात मलिक ह गोधन न्याय योजना अंतर्गत गौमूत्र क्रय करे के काम ल प्राथमिकता ले करे के निर्देश देहे हें। उमन कहिन कि शासन के मंशा के मुताबिक गौमूत्र के खरीदी के बाद उत्पाद तियार करे जाही। आप मन जानतेच हव के 4 रूपिया प्रतिलीटर के दर ले गौमूत्र के खरीदी करे जात हे।

ग्राम फुलकर्रा गोठान म समूह के महिला मन गौठान म गौमूत्र सकेलत हें। समूह के सचिव श्रीमती कुलेश्वरी ध्रुव अऊ श्रीमती मनीषा ध्रुव ह बताइस कि इहां 6 किसान मन ह 74 लीटर 500 मिलीस लीटर गोमूत्र विक्रय करे हें अऊ अइसनहे ग्राम भेंड़री के गोठान म किसान मन कोति ले 25 लीटर गोमूत्र विक्रय करे गए हे। जेखर द्रव्य जीवामृत बनाय जात हे।