सुरता- स्व.सरपंचराम_मिर्झा जी के पुण्यतिथि

पुरखा के सुरता
देश के कोना कोना मा छत्तीसगढ़ी भाखा ला प्रचारित करने वाला, तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. #इंदिरा_गांधी जी ला #छत्तीसगढ़ी गाना सुना के जिनगी के सार बता वाहवाही बटोरने वाला, #छत्तीसगढ़ी_राजभाषा_आयोग के पूर्व सदस्य, छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रचार बर #आकाशवाणी_रायपुर अउ #भिलाई_स्टील_प्लांट के  परमानेंट नौकरी छोड़ने वाला, छत्तीसगढ़ के सुप्रशिद्ध लेखक, गायक, कहानीकार, संगीतकार, रेडियो TV, आकाशवाणी अउ दूरदर्शन कलाकार छत्तीसगढ़ महतारी के रतन बेटा स्व. श्री #पंचराम_मिर्झा जी के पुण्यतिथि मा सत-सत नमन हे
स्व. पंचराम मिर्झा जी जन्म 15/12/1952  ग्राम तुलसी,  विकासखंड तिल्दा नेवरा, जिला रायपुर मध्यप्रदेश (वर्तमान छत्तीसगढ़) मा होइस, पिता सुखीराम माता बिरोजो बाई रिहिन, स्व. मिर्झा जी 4 बहन अउ 2 भाई मा सबले छोटे रिहिस, मिर्झा जी के पैतृक ग्राम सिर्वे, तिल्दा नेवरा आय, 9 वर्ष के आयु तक बोले मा सक्षम नही रिहिस तेकर सती घर मे ओला बचपन मे कोन्दा बोले फेर जब बोलना सिखिस तो अपन आवाज से छत्तीसगढ़ ही नही पूरा भारत मा छत्तीसगढ़ी के डंका बजा।

स्व. मिर्झा जी करीब 4000 गाना के रचना करिस, अउ ओला अपन आवाज दिस, वही तीजहारीन, कांदा वाला, किरायादार जइशन कई नाटक भी लिखिन ।
कैसा रेल बनाया बनाने वाला, मोर छत्तीसगढ़ के तिहार, मोर भारत माता के छाती ये छत्तीसगढ़ के माटी, बारी के गाना, तय कइसे उड़ाए रे मैना, तय मोर सावन भादो, कर्मा नाचे बर आबे, दरोगा बाबू, ग़दर मताही, गाड़ी टेशन मा आबे जइसे सैकड़ो मिर्झा जी के यादगार गीत रिहिस
गायन के सुरवात स्व. मिर्झा जी मानस मंडली मा जसगीत गाके करिस अउ अपन आजीविका बर रायपुर कूकरी तालाब  गुढ़ियारी में जूता रिपेयरिंग के दुकान चलाये,  रायपुर मा स्व. मिर्झा जी के जसगीत के जादू अइसे चलीस के दिल्ली के मशहूर नया थियेटर के हबीब तनवीर जी स्वयं ओकर से मिले बर ओकर दुकान आइस अउ परिचय देके बोलिस मिर्झा जी आप मन के आवाज के जरूरत इहा से ज्यादा दिल्ली मा हे आप मन मोर संग दिल्ली चलहु का । फेर का दिल्ली के नया थियेटर मा ओकर आवाज से नाटक मा चार चांद लग गए ।
दिल्ली नया थियेटर मा मिर्झा जी गायन अउ संगीत पक्ष देखय वही पत्नी स्व. कुलवंतीन मिर्झा अपन एक्टिंग के लोहा मनवात रिहिस ।
दिल्ली मा कुछ वर्ष काम करे के बाद महसूश होइस की अब खुदके लोककला मंच स्थापना किये जाय, त हबीब तनवीर जी ला स्व. मिर्झा जी बोलिन के अब छत्तीसगढ़ महतारी के सेवा करे के बेरा होगे कह के विदा लीन अउ वापस छत्तीसगढ़ आके अंजोरी रात लोक कला मंच के स्थापना करिस ।
अंजोरी रात लोककला मंच के नाम ये एक अउ रिकार्ड हे के छत्तीसगढ़ के एक अइशन लोक कला मंच हे जउन अपन मंच के नाव पिछले 40 साल से नई बदले हे ।
पंचराम मिर्झा जी के आवाज के जादू अइशन रिहिस के ओकर गाना हमेशा बड़का बैनर वाले मन हथोहाथ लेलय मिर्झा जी भारत के जम्मो बड़का बैनर संग अपन गाना रिलीज करिस जेमा T- सीरीज, टिप्स, वीनस जईसन नाम शामिल हे ।
जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनिस त राज्यभाषा आयोग मा स्व. मिर्झा जी ला ओकर जानकारी के बिना सदस्य बनाये गीस जेकर जानकारी मिर्झा जी ला 6 माह बाद चलिस जेकर वजह से स्व. लक्ष्मण मस्तुरिया जी से जोरदार बहस भी होइस की बिना जानकारी मोला जबरदस्ती सदस्य बनाये के का जरूरत हे ।
स्व. मिर्झा जी के आखिर एलबम गोरी बदन रिहिस ।
स्व. मिर्झा जी के स्वर्गवास 12/07/2007 हार्ट अटैक के वजह से होइस ।
<span;>फेर मिर्झा जी अपनी गीत अउ आवाज के जरिये हमेशा के लिए अमर होगे

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