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छत्तिसगढ़ म बिकसित कई फसल के 12 नवा किस्म ल भारत सरकार दिस मंजुरी

  1.        उद्यानिकी के असीमित संभावना वाले प्रदेश छत्तीसगढ़:-

    छत्तिसगढ़ म बिकसित कई फसल के 12 नवा किस्म ल भारत सरकार दिस मंजुरी

    रायपुर। छत्तिसगढ़ के इंदिरा गांधी कृसि विस्वविद्यालय के विकसित बिभिन्न फसल के 12 नवा किस्म ल व्यावसायिक खेती अउ गुनवत्ता बीज उत्पादन बर भारत सरकार के केन्दरीय बीज उपसमिति ह अधिसूचित करे हे। भारतीय कृसि अनुसंधान परिसद के उप महानिदेसक फसल बिज्ञान के अध्यक्षता म केन्दरीय बीज उपसमिति के बइठक आयोजित करे गिस, जेमा कृसि विस्वविद्यालय रायपुर के विकसित चावल के तीन, गेहूं दो, चना एक, सोयाबीन तीन, कुसुम एक अउ अलसी के दु नवा किस्म ल छत्तिसगढ़ अउ देस के दूसर राज्य म व्यावसायिक खेती अउ गुनवत्ता बीज उत्पादन बर अधिसूचित करिस। अवइया बछर म विस्वविद्यालय म बिकसित ये सब्बो नवा किस्म ल व्यावसायिक खेती अउ गुनवत्ता बीज उत्पादन कारयकरम म लेय जाहि।

    केन्दरीय बीज उपसमिति ह इंदिरा गांधी कृसि विस्वविद्यालय के बिकसित जउन नवा फसल किस्म ल अधिसूचित करे हे, ओमा धान के तीन नवा किस्म-विक्रम टीसीआर (विक्रम ट्रॉम्बे छत्तीसगढ़ चावल), सीजी जवांफूल ट्रॉम्बे (आरटीआर-31), सीजी बरानी धान-2 (आरआरएफ-105) ल छत्तिसगढ़ बर अधिसूचित करे गिस। गेहूं के नवा किस्म – सीजी-1029 (कनिस्क) ल छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान के (कोटा अउ उदयपुर संभाग) अउ उत्तर प्रदेस के (झांसी संभाग), हंसा गेहूं (सीजी-1023) ल छत्तिसगढ़ बर अधिसूचित करे गेय हे।
    विस्वविद्यालय ह बिकसित चना के नवा किस्म-आरजी 2015-08 (सीजी लोचन चना) कल छत्तिसगढ़ अउ मध्यप्रदेश बर अधिसूचित करे गिस। अइसने ही सोयाबीन के नवा किस्म- आरएससी 11-07 को पुरवी छेतरी (पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा अउ छत्तीसगढ़, दक्छिनी छेत्र (दक्षिण महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश अउ तमिलनाडु) राज्य बर अधिसूचित करिस। सोयाबीन के किस्म आरएससी-10-46 ल पूरवी छेतरा (पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, ओड़िशा अउ छत्तिसगढ़), मध्य छेतरा (मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के बुंदेलखण्ड छेतरा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अउ विदर्भ) छेतरा बर अधिसूचित करे गेय हे। सोयाबीन के नवा किस्म आरएससी-1052 ल (मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश के बुंदेलखण्ड छेतरा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अउ विदर्भ) छेतरा बर अधिसूचित करे गिस। कुसुम के नवा किस्म आईजीकेवी कुसुम (आरएसएस-2016-30) ल छत्तिसगढ़ अ मध्यप्रदेश बर अधिसूचित करिस। अलसी के नवा किस्म आरएलसी-164 अउ आरएलसी-167 ल जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब अउ छत्तीसगढ़ बर अधिसूचित करे गिस।

    इंदिरा गांधी कृसि विस्वविद्यालय के विकसित अउ भारत सरकार के अधिसूचित बिभिन्न फसल के नवा किस्म बिसेस गुन अउ बिसेसता हवय। धान के विक्रम टी.सी.आर. किस्म सफरी-17 परजाति के म्यूटेसन ब्रीडिंग ले बिकसित करे गेय हे। ये एक बौनी, मध्यम अवधि (118-122 दिन) अउ जादा उत्पादन (60-65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) देने वाला किस्म हरय। येकर दाना पतला अउ मुर्रा बनाय बर अच्छा काम आहि। छत्तिसगढ़ जवांफूल ट्रॉम्बे किस्म छत्तीसगढ़ के पारंपरिक सुगंधित धान परजाति जवांफूल के म्यूटेसन ब्रीडिंग ले बिकसित करे गेय हे। ये एक मध्यम बौनी, मध्यम अवधि अउ अधिक उपज (38-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) देना वाला किस्म हरय। येकर दाना छोटे, सुगंधित अउ खीर बनाय जा सकत हे। अइसने ही बरानी धान-2 किस्म छत्तिसगढ़ के मइदानी छेतरा के बरसा ऊपर निरभर निचला भूमि बर अच्छा रहि। ये किस्म सुखा निरोधक जल्द पकने वाला, ब्लास्ट अउ भुरा धब्बा बिमारी ल सह सकत हे। गेहूं के नवा बिकसित किस्म सीजी-1029 (कनिस्क) बड़का दाना (1000 दाना के वजन 48.7 ग्राम) अउ जादा पोरटीन (12 प्रतिसत) वाला किस्म हरय, जउन चपाती बनाय बर उपयुक्त हे। येमा आवस्यक सूक्ष्म तत्व-आयरन (38 पीपीएम) अउ जिंक (35 पीपीएम) घलो पाय जथे। ये किस्म भुरा अउ करिया रस्ट बिमारी ले लड़े के छमता पाय गेय हे। येकर औसत उत्पादन 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हे।
    छत्तिसगढ़ हंसा गेहूं – सीजी-1023 एक बायोफोर्टिफाईड किस्म हरय, जेमा 11.85 प्रतिसत पोरटीन अउ जिंक के मातरा 40 पीपीएम ले जादा पाय गिस, ये चपाती बनाय के अच्छा काम आ सकथे। येकर 1000 दाना के वजन 42 ग्राम होथे। येखर किस्म भुरा, करिया अउ पीला रस्ट बिमारी ले लड़े के छमता पाय गेय हे। येखर अउसत उपज 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हे।
    सोयाबीन के नवा किस्म आरएससी 11-07 कई बिमारी अउ कीरा ले लड़े के छमता पाय गेय हे। ये किस्म इंडियन बड ब्लाइट, पॉट ब्लाइट बिमारी, स्टैम फ्लाई अउ गर्डल बीटल कीरा ले लड़थे। ये 97 से 102 दिन म पक के तइयार हो जथे अउ 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देय म सक्षम हे। सोयाबीन के आरएससी 10-46 किस्म 102-104 दिन अवधि के 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देथे। ये किस्म म फली बिखरे समस्या कम होथे। ये किस्म चारकोल रॉट, बड ब्लाइट, बैक्टिरियल पश्चूल जइसन बिमारी अउ तना छेदक, स्टेम फ्लाई अउ गर्डल बीटल जइसे कीरा ले लड़े के छमता पाय गेय हे।
    सोयाबीन के आरएससी 10-52 किस्म 101 दिन म पकथे अउ 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देथे। येमा फली बिखरे के समस्या कम पाय जाथे। ये किस्म पीला मोजैक वायरस अउ राइजोक्टोनिया ऐरियल ब्लाइट बिमारी के प्रति मध्यम निरोधक, स्टेमबोरर अउ डिफोलियेटर, स्टेम फ्लाई अउ गर्डल बीटल ले लड़थे। चना के नवीन किस्म छत्तिसगढ़ लोचन चना (आर.जी. 2015-08) 105-110 दिन म पक के तइयार हो जथे अउ 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देथे। ये किस्म कॉलर रॉट अउ स्टंट बिमारी ल सह सकथे।
    नवा बिकसित किस्म आईजीकेवी कुसुम (आरएसएस 2016-03) जादा तेल (34 ले 35 प्रतिसत) के मातरा वाला किस्म हरय। येमा तेल के मातरा आने किस्म ले जाता मिलथे। ये 138 ले 140 दिन म पकथे अउ 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अउसत उपज देथे। येखर फूल के रंग फ्लावरिंग के बेरा पीला होथे, जउन बाद म सूखे के समय लाल हो जथे। ये किस्म अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट बिमारी ले लड़थे। अलसी के नवा किस्म आरएलसी-164 बरसा ले निरभर खेती बर उपयुक्त हे। ये किस्म 150 ले 160 दिन म पकथे अउ 12.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अउसत उपज देथे। येकर दाना म तेल के मातरा 32.6 प्रतिसत तक पाय जथे। ये किस्म अल्टरनेरिया ब्लाइट अउ रस्ट बिमारी ल लड़ सकथे। अइसने ही अलसी के आरएलसी-167 किस्म सिंचित छेतरा के खेती बर उपयुक्त हे। ये किस्म 161 दिन म पकथे अउ 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अउसत उपज देथे। येकर बीज म तेल के मातरा 34.25 प्रतिसत तक पाय जाथे। ये किस्म बड फ्लाइ कीट ले लड़ सकथे।