नगरीय निकायों में स्वच्छता, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और मरीजों के तत्परता से इलाज पर दें विशेष ध्यान: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
*नगरीय निकायों में स्वच्छता, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और मरीजों के तत्परता से इलाज पर दें विशेष ध्यान: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल*
*संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति को तुरंत उपलब्ध कराएं दवा किट*
*सक्ती तथा खरसिया नगर पालिकाओं में डीएमएफ मद से डॉक्टरों की नियुक्ति की अनुमति*
*रतनपुर और तखतपुर में तत्काल ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की व्यवस्था के निर्देश*
*मुख्यमंत्री ने बिलासपुर, सरगुजा तथा बस्तर संभाग के नगर पालिकाओं में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की*
रायपुर, भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग की समस्त 25 नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस से संयुक्त बैठक लेकर कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा रोकथाम के उपायों की समीक्षा की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा राज्य में कोरोना संक्रमण से बचाव तथा रोकथाम की व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है। इस तारतम्य में गत दिवस 25 अप्रैल को रायपुर तथा दुर्ग संभाग के नगर पालिका परिषदों की समीक्षा की गई थी। आज यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. शामिल हुईं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए समस्त नगर पालिका परिषदों में स्वच्छता, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और मरीजों का तत्परता से इलाज पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों के हर गली-मोहल्ले में नियमित साफ-सफाई के लिए विशेष जोर दिया। उन्होंने वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की सतत आपूर्ति के लिए भी निर्देशित किया। साथ ही पीलिया आदि बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नगर पालिकाओं में चालू अप्रैल माह में राशन कार्ड धारियों को राशन वितरण तथा अगले माह एक साथ मुफ्त दिए जाने वाले मई और जून के राशन के भण्डारण के संबंध में भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान समस्त नगर पालिका परिषदों के अध्यक्षों और मुख्य नगर पालिका अधिकरियों से एक-एक कर चर्चा की और उन्हें कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत मरीजों का तत्परता से इलाज और अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चत करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है। ऐसी स्थिति में लक्षण के आधार पर ही व्यक्ति को तुरंत दवा किट उपलब्ध करा दी जाए, जिससे संक्रमण न फैल सके और बीमारी के बढ़ने के कारण किसी तरह की गंभीर स्थिति का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मरीजों के सुगमता से इलाज और अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के मद्देनजर नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों की मांग पर सक्ती और खरसिया में आवश्यकता के अनुरूप डॉक्टरों की भर्ती के लिए अनुमति दी। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला कलेक्टर जिला खनिज मद की राशि से इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। इसी तरह उन्होंने नगर पालिका परिषद रतनपुर और तखतपुर में मरीजों की सहूलियत के लिए तत्काल ऑक्सीजन युक्त बिस्तर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में भी निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने और लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के संबंध में भी निर्देशित किया। उन्होंने इस दौरान नगरीय निकाय क्षेत्र के अंतर्गत रेल्वे स्टेशनों और बस स्टेंडों सहित चेक पोस्टों में बाहर से आने वाले लोगों और प्रवासी श्रमिकों की सघन जांच के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े सभी नगर पालिकाओं के अध्यक्षों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सभी नगरीय निकाय अच्छा काम कर रहे हैं। शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान राशन, सब्जी और फल जैसी अत्यावश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था बनाए। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार, मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बरतने और हाथों की अच्छी साफ-सफाई के लिए प्रेरित करें। बाहर से आने वाले लोगों की जांच करें और एसओपी के अनुसार उनका क्वारेंटाईन सुनिश्चित करें। उन्होंने नगरीय निकायों के सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स का जल्द से जल्द शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन एक माह के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।